Investment : रियल स्टेट या म्यूचुअल फंड, कहाँ बनेगा जल्दी पैसा

 

Investment : रियल स्टेट या म्यूचुअल फंड, कहाँ बनेगा जल्दी पैसा

जब आप निवेश के लिए प्लान करते हैं, उन तमाम बातों का ध्यान रखते हैं तो आपके लिए ज्यादा से ज्यादा पैसा बना सके, रियल स्टेट निवेश को लेकर थोड़ी उलझन है, लोग पैसे बचाकर प्लाट या संपत्ति खरीदते हैं परन्तु क्या रियल स्टेट निवेश बेस्ट विकल्प है, यह म्यूचुअल फंड की तुलना में किस तरह परफॉर्म करता है, चलिए इन सभी बातों पर गौर करते हैं.

रियल स्टेट व म्यूचुअल फंड में कौन बेहतर है इस बात को समझने के लिए हमें कुछ मापदंडों के आधार पर तुलना करना होगा जैसे – रिटर्न के मामले में बेहतर कौन है, लिक्विडिटी किसमे अधिक है, निवेश करने में आसान कौन, जोखिम व टैक्स संबंधित जानकारियां आदि के आधार पर बेहतर का चुनाव किया जा सकता है.


रिटर्न के मामले में

निवेश का असल मुद्दा… रिटर्न कहाँ अधिक बनेगा

बड़े-बड़े रियल स्टेट फर्मों के रिसर्च व प्रकाशित आंकड़ें, जोकि भारत के टॉप शहरों से लिए गए हैं बताते हैं की पिछले 10 साल से रियल स्टेट सालाना 10 फीसदी का रिटर्न उत्पन्न कर रहा है. हालाँकि अन्य कई शहरों में यह रिटर्न थोड़े ऊपर नीचे हो सकते हैं.

दूसरी तरफ पिछले एक दशक से म्यूचुअल फंड स्कीम्स लगातार 14 से 14 फीसदी का औसत रिटर्न प्रदान कर रहे हैं, यह एक सामान्य रिटर्न है क्योंकि कइयों फंड्स के रिटर्न इससे भी कहीं अधिक है.


लिक्विडिटी

जरा सोचिये आपके पास भरपूर संपत्ति है परन्तु किसी आपातकाल के स्थिति में आप उस संपत्ति का उपयोग नहीं कर सकते, ऐसे में वह संपत्ति बेकार है. दूसरा कि रियल स्टेट को आपातकाल में बेचने के लिए काफी मसक्कत करनी पड़ सकती है, ग्राहक ढूंढने से लेकर, सहीं दाम मिलने तक.

वहीं दूसरी तरफ म्यूचुअल फंड आपको पूरी लिक्विडिटी प्रदान करता है, आप जब चाहें तब अपने निवेश को भुना सकते हैं और 2 दिन के अंदर पैसे आपके खाते में होंगें.

निवेश के लिए आसानी किसमें

यह एक मुख्य मुद्दा हो सकता है की निवेश के लिए कितने पैसों की आवश्यकता होगी, म्यूचुअल फंड महज 500 रुपये की मासिक एसआईपी से शुरु किया जा सकता है, जबकि रियल स्टेट के लिए आपको अच्छे-खासे पैसे की जरुरत होगी.

एक नजर डालें –

  • नोएडा में 3BHK अपार्टमेंट – 70 से 75 लाख
  • गुड़गांव में 3BHK अपार्टमेंट – 1 से 1.5 करोड़

अगर आप होम लोन लेते हैं तो 20 प्रतिशत का डाउनपेमेंट करना होगा, इसके अलावा पंजीकरण शुल्क आदि इस प्रकार आपको शुरुवात में ही 15 से 20 लाख रुपये का निवेश करना होगा.

मूलधन की सुरक्षा

म्यूचुअल फंड आपको पूरी तरह से डायवर्शिफाई पोर्टफोलियो प्रदान करता है आप जिस इक्विटी फंड में निवेश करते हैं, फंड मैनेजर उस फंड को अलग-अलग कंपनियों के शेयर्स खरीदने में लगाता है इस प्रकार जोखिम को कम किया जाता है और लम्बे समय के निवेश में बेहतर रिटर्न प्राप्त किया जाता है.

दूसरी तरफ आर्थिक मंदी की स्थिति में रियल स्टेट का भाव गिर सकता है, रियल स्टेट में लम्बी अवधि तक निवेश के बावजूद भी कई बार लगाए गए कैपिटल नहीं मिल पाते, जबकि लम्बी अवधि के निवेश में म्यूचुअल फंड बेहतर परफॉर्म करता है.

टैक्स

इक्विटी म्यूचुअल फंड में अगर आप 1 साल में 1 लाख रुपये से अधिक का रिटर्न बनाते हैं तो 10 प्रतिशत लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स देना होता है, इस राशि से नीचे के रिटर्न पर कोई टैक्स देय नहीं होता. वहीं ELSS फंड में निवेश कर आप 1.50 लाख रुपये तक टैक्स बेनिफिट ले सकते हैं.

रियल स्टेट में होम लोन पर आप 2.5 से 3 लाख रुपये के लिए कर कटौती का दावा कर सकते हैं, प्रॉपर्टी खरीदते समय स्टाप ड्यूटी, संपत्ति बेचकर निवेश करने पर LTCG टैक्स देना होता है, हालाँकि इसे बचाने के कई तरीकें मौजूद है.

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